जमीन की रजिस्ट्री के बाबत पॉवर ऑफ अटॉर्नी (मुख्तारनामा) को लेकर जारी नए नियमों की कम जानकारी से भूस्वामियों की परेशानी बढ़ी हुई है। दलाल भी आये दिन लोगों को गुमराह कर रहे हैं। ऐसे में जरूरतमंदों को परेशानी से उबारने के लिए जिला अवर नबिंधक शाहिद जमील अहमद ने कार्यालय के बाहर नोटिस चिपकवा दी है।
अवर नबिंधक ने बताया कि पॉवर ऑफ अटॉर्नी में वर्णित संपत्ति के स्वामी की पहचान के लिए उन्हें फोटो पहचान-पत्र (जो निबंधन प्रक्रिया के तहत अनुमान्य है) की एक छायाप्रति दस्तावेज के साथ संलग्न करना अनिवार्य है। वही छाया प्रति दस्तावेज का अंश होगा। पॉवर ऑफ अटॉर्नी के साथ आवासीय प्रमाण-पत्र को संलग्न करना अनिवार्य है। संबंधित संपत्ति की पहचान के लिए मौजा, थाना नंबर, खाता खेसरा संख्या, चौहद्दी व अन्य कोई वविरण, जो उसकी पहचान के लिए नबिंधन अधिनियम की धारा-21 (ए) के तहत होनी चाहिए।

हस्तानांतरण दस्तावेज में संपत्ति के वास्तविक स्वामी (विक्रेता), जिसकी तरफ से संपत्ति की बिक्री करने का अधिकार दिया गया हो उसका पूरा नाम, पिता या पति का नाम व पूर्ण पता रहना चाहिए। संपत्ति के वास्तविक स्वामी (पॉवर ऑफ अटॉर्नी के स्वामी) का पासपोर्ट साइज फोटो व पांचों अंगुलियों का निशान दस्तावेज पर होने चाहिए।
इसी तरह के हस्तानांतरण पत्र में अटॉर्नी या एजेंट द्वारा यह प्रमाण-पत्र अंकित करना आवश्यक है कि स्वामी दस्तावेज प्रस्तुत करते समय जीवित है उनकी जानकारी के अनुसार, पॉवर ऑफ अटॉर्नी को स्वामी द्वारा रद्द किया गया या वापस नहीं लिया है।
वहीं जमीन के एकरानामा के समय जमीन या मकान का पॉवर ऑफ अटॉर्नी देते समय स्वामी को पांचों अंगुली का निशान देना होगा। तभी जमीन की पूर्ण रजिस्ट्री मानी जाएगी और जिला अवर नबिंधक नये एकरारनामा पर हस्ताक्षर करेंगे।